शेषाद्रीपुरम स्नातक महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के द्वारा हिन्दीतर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को हिन्दी के महत्व से सम्बद्ध विचारों को समझाने के अलावा शुद्ध हिन्दी में बोलना और लिखना सिखाने के साथ व्याकरणिक समुचित ज्ञान प्रदान करने का प्रयत्न किया जाता है। कामकाज हिन्दी, पत्रलेखन कला, पारिभाषिक शब्दावली, अनुवाद कला और महत्व आदि विचारों पर संदर्भानुसार चर्चा की जाती है और समुचित ज्ञान प्रदान किया जाता है। हिन्दी के उच्चारण सम्बंधी दोषों को दूर करने के लिए अत्युत्तम वाङ्गियों द्वारा प्रदत्त भाषाणों को सुनवाना और भाषाविज्ञानियों द्वारा सूचित सूचनाओं का प्रदर्शन भाषा-प्रयोगालय में किया जाता है। छात्र स्वयं तद्वारा अपने दोषों को दूर कर सकते हैं। प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक साहित्य का परिचय पाठ्यक्रम और पठ्येतर कार्यक्रमों के अंतर्गत कराया जाता है। विशेष व्याख्यान मालिका के माध्यम से ख्यातनाम साहित्यकारों और विशेषज्ञों आमंत्रित कर व्याख्यान दिलाने के द्वारा छात्र-छात्राओं में साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न कराते हैं। भाषण, परिचर्चा, निबंध लेखन, कविता रचना आदि प्रतियोगिताओं के द्वारा छात्रों में अंतिर्निहित अभिव्यंजन शक्तियों को भी बाहर लाने का प्रयत्न किया जाता है। विभाग का प्रमुख लक्ष्य भाषा और साहित्य ज्ञान का सही विकास करने से है।
To Nurture in students a deep Interest in Hindi Language and Literature.
To develop in students the ability to use the language effectively for the purpose of practical communication and the sensibility to appreciate literary texts.